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सिंझ्या का भजन -2

                           श्री
                   सांझ का भजन
सांझ पड़ी हर मतो ऐ उपाय,कोई पोपॉटी पग धरया हो राम
पकड़ी राधा घोड़ री लगाम,सांवरिया साग ले चलो हो राम
राधाजी न रथ जुड़ाय कोई रुक्मण जी न पालकी हो राम
आप ठाकुर हर घोड़ असवार,कोई राधा रुक्मण संग लिया हो राम
उतर्या प्रभु अरलां परलां तीर ,कोई परली तीरा न्हाईया हो राम
पकड़या प्रभु दोनूं जी हाथ,कोई झटके पार उतारिया हो राम
थे छो प्रभू नन्दजी रा लाल,कोई झटके पार उतारिया हो राम
थे छो राधा रुक्मण नार ,कोई साँझया गाय सुनाइया हो राम
साँझयाँ गावै बेकुण्ठा रा बास ,कोई सुणीया सदा ही सुख पायसी हो राम
कुंवारी गावै, घर बर पाय,कोई परणी पुत्तर ख़िलायसी हो राम
बूढ़ी गावै गंगा रा स्नान ,सुरग पालकी आयसि हो राम

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