Bhajan that connects with spirituality...

श्यामा आन बसो व्रन्दावन में

श्यामा आन बसो व्रन्दावन में, मेरी उमर बीत गई गोकुल में...

श्यामा रस्ते में बाग लगा जाना, फूल बिनूँगी तेरी माला के लिए
तेरी राह निहारूँ कुञ्जन मेंमेरी उमर बीत गई गोकुल में...
श्यामा आन बसो...

श्यामा रस्ते में कुआ खुदवा जाना,मैं तो नीर भरूँगी तेरे लिए
मैं तुझे नहलाऊंगी मल मल केमेरी उमर बीत गई गोकुल में...
श्यामा आन बसो...

श्यामा माखन खाने जाना, आकर के दधि बिखरा जाना
सुनी गोकुल की गलियन मेंमेरी उमर बीत गई गोकुल में...
श्यामा आन बसो...

श्यामा व्रन्दावन में जाना, आकर के रास रचा जाना
बस आप रहो मेरे मन मेंमेरी उमर बीत गई गोकुल में...
श्यामा आन बसो...

(visit my youtube channel to listen to the bhajan)


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