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श्रीभगवान की प्रतिज्ञा : जो भजते मुझे भाव सें, मै उनका ही बन जाता

जो भजते मुझे भाव सें, मै उनका ही बन जाता
उनका ही बन जाता मैं तो उनका ही बन जाता
जो भजते मुझे...

बिना प्रेम जो मुझे बुलाये, कभी नहीं मैं आता
भाव भरी सुन टेर भगत की मुझसे रहा ना जाता,
जो भजते मुझे...

शुद्ध ह्रदय हो अनन्य मन सें, मेरा ध्यान लगाता
उनके सारे योग क्षेम मैं, स्वंय ही निभाता,
जो भजते मुझे...

सब कुछ कर दे भेंट भाव बिन, मैं नहीं नज़र उठाता
करता हूँ स्वीकार प्रेम सें, जो एक पुष्प चढ़ाता
जो भजते मुझे...

मुझे नहीं परवाह वस्त्र की, नहीं अन्न धन चाहता
जो मेरा बन गया ह्रदय सें, उनको मैं अपनाता, 
जो भजते मुझे...

कैसा भी दोषी हो मेरा, मैं नहीं कभी रिसाता
जो करता अपराध भगत का, मुझको नहीं सुहाता
जो भजते मुझे...

जो मेरी शरणागत आये, आवागमन मिटाता
भागीरथ आश्रय ले हरि का,मूरख क्यूँ भटकाता,
जो भजते मुझे...

(visit my youtube channel to listen to the bhajan)




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