हे राम कहाँ तूं जाता,मेरे राम कहाँ तूं जाता
बिलख बिलख कर पूछ रही है माता
मेरे आँचल की छांव छोड़ कहाँ तूं जाता
हे राम कहाँ तूं....
क्या पाना था पर तूने क्या पाया है
कैसे आज पिता का प्यार भुलाया है
यही रहा क्या पिता पुत्र का नाता
मेरे आँचल की....
ममता को क्यूं यूँ ठुकराया जाता है
दुखियारी माँ पर क्यों तरस नहीं आता है
धरा फटे ना क्यों ना गगन गिर जाता
मेरे आँचल की छांव छोड़ कहाँ तूं जाता
हे राम कहाँ तूं जाता,मेरे राम कहाँ तूं जाता....
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Aakhir Kyon हे राम कहाँ तूं जाता,मेरे राम कहाँ तूं जाता
ReplyDeletePauranik Kathayenthanks for articals