Bhajan that connects with spirituality...

शेष आ गया महेश आ गया

तर्ज : मार दिया जाय कि छोड़ दिया.....

शेष गया महेश गया
देख तेरी नगरी में ब्रम्ह गया...

ब्रम्ह निर्गुण निराकार सांई ,बन आया जनक का जंवाई
तूं विदेही बना,ब्रम्ह देहि बना यश छा गया
इन्द्र गया गजेन्द्र गया,
देख तेरी नगरी......

आज प्रगटी जनक की कमाई ,शक्ति सीता सुता बन आई
आज घर घर सजे,शहनाई बजे मन भा गया
सूर्य गया चन्र्द गया,
देख तेरी नगरी....

आज पूछे प्रभु सें पहेलियाँ ,देखो मिथिला की सुंदर सहेलियाँ
तुम कारे कुमार,मईया गोरी तुम्हार कहो क्या भया
वरुण गया,कुबेर गया,
देख तेरी नगरी....


आज भुला जनक ज्ञान ज्ञाता,कभी रोता कभी मुस्काता
लीलाधारी कुंवर,तेरा दास भँवर जस गा गया
परसुराम गया, वशिष्ठ गया,
देख तेरी नगरी...

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