श्री
जन्मोत्सव आया है, झूला डलवाया है
झूले में लल्ला को, देखो बैठाया है
झूले में झूल रहे हैं,राजा दशरथ दुलारे
झूले में झूल रहे हैं, तीनों मैया के प्यारे
झूले में लाला मुस्काए,मोर , पपैया पीहू पीहू गाए
अवध में खुशियां छाई, प्रकटे हैं चारों भाई
आनन्द छाया है,मन हर्षाया है, भक्तों ने मिलकर,पलना सजाया है
पलने में झूल रहे हैं,राजा दशरथ दुलारे
धीरे धीरे झूला झूलाओ, लाला को ना नज़र लगाओ
लूण,राई वारो, लल्ला की नज़र उतारो
सब मिल गाओ जी, ताली बजाओ जी
चारों लल्ला को संग में,झूला, झूलाओ जी
झूले में झूल रहे हैं, तीनों मैया के दुलारे
घुघर वाली, लट है कारी, अधरन पर मुस्कान है प्यारी
गल मोतियन की माला है, लल्ला का रूप निराला है
तोरण सजाओ जी, ढोल बजाओ जी
लल्ला के स्वागत में, मंगल गाओ जी
शहनाई बाज रही है,राजा दशरथ के द्वारे
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