श्री
सावण सुरंगो भादवो जी म्हाने प्यारो लागे मां
हे बड़भागन मां,किरपा राखियो , सरब सुहागन मां,किरपा राखियो
ऊंचो शिखर,थारो देवरो, मैया शोभा आलीशान , म्ह टाबर नादान
किरपा राखियो...
थे दीना के कारण,मैया लिंनो अवतार
सांचों तेरो है दरबार,किरपा....
थां रुस्या मैया नां सरे, मईया पलका न खोल
इक बार मुखड़ा सु बोल,किरपा ......
अपनू थाने जानकर मैया आया थांरे द्वार
हंस कर पलक उघाड़,किरपा......
बनवारी कर जोड़ कर, मईया करे अरदास
पुरूओ मन की आस,किरपा....
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