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Shivbhajan ।।शिव पार्वती का झूलोत्सव


                                श्री

झूले पार्वती जगदम्बा, झुलावे शंकर त्रिपुरारी

शंकर त्रिपुरारी,झुलावे,शंकर त्रिपुरारी

झूले पार्वती......


पार्वती बोली शंकर से, अरज सुनो म्हारी

श्रावण की ऋतु आई सदाशिव, छाई घटा कारी

झूले पार्वती.......


गोकुल में प्रभू राधा के संग,झूले बनवारी

तुम तो नाथ कबहुं नहीं झूले,भोले भण्डारी

झूले पार्वती......


सर्पों की प्रभू डोर बनाई, कल्प वृछ डारी

जिस झूले पर झूले भवानी,शोभा अति प्यारी

झूले पार्वती...


कला मण्डल कहे या छवि ऊपर,पल पल बलिहारी

शम्भू कहे प्रभू दर्शन दिज्यो, आश लगी थारी

झूले पार्वती......

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