खुल रही पोळ खुल्या दरवाजा
खुल रह्या रे पट मन्दिर में
म्हांने रामजी मिल्या माधोवन में , श्री कृष्ण मिल्या,बिन्दराबन में
ताता सा पाणी,तेल उबटणा
न्हाय रह्या ओ हरि मंदिर में, म्हांने.....
पाट पीताम्बर,रेशम धोती
वस्त्र पहने ठाकुर मन्दिर में, म्हांने.......
घिस घिस चन्दन भरयो रे कटोरो
तिलक लगावे सांवरो मन्दिर में.....
..
मोतीचूर मगद का लाडू
भोग लगावे हरि मन्दिर में......
.
कोरा कोरा कलश, गंगाजल झारी
चळू रे करावे ठाकुर मन्दिर में
पान सुपारी,चौसठ बिड़ला
चाब रह्या ओ सांवरा मन्दिर में.......
फूलड़ां री सेज,मोती झालर का तकिया
पोढ़ रह्या ओ हरि मन्दिर में......
म्हारे तो मन में सांवरा ऐसी जी आवे
कूद पड़ूं जल जमुना में.......
No comments:
Post a Comment