श्री
म्हारे घरां जीमबा पधारो, कन्हैया आऔ नंदलाला प्रेम सें भोग लगाओ कन्हैया,आओ नंदलाला
मोर मुकुट,सिर छत्र विराजे,
गल वैजयंती माला साजे
केसर तिलक है भाला, कन्हैया......
तन केसरिया,जामो सोहे,
श्रवणन में कुण्डल मन मोहे
सुन्दर नयन विशाला, कन्हैया......
काली कम्बलिया,हाथ लकुटिया,
बलदाऊ के छोटे भैया
गैया चराने वाला, कन्हैया.....
दुर्योधन का मेवा त्यागा,
विदुराणी घर छिलका खाया
भाव के वश गोपाला, कन्हैया....
बिना भाव के कछु ना सुहावे,
भाव सें पान फूल भी खावे
ऐसे दिनदयाला, कन्हैया....
पुष्पा थांने, अर्जी लगावे,
नित नित मीठे भजन सुणावे
मन अर्पण कर डाला, कन्हैया.....
Bahutsunder
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