श्री
सांवरिया ले चल परली पार
कन्हैया ले चल परली पार
जहां विराजे राधा राणी, अलबेली सरकार
सांवरिया ले....
1गुण ,अवगुण सब तेरे अर्पण
पाप पुण्य सब तेरे अर्पण
बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण
ये जीवन भी तेरे अर्पण
मैं तेरे चरणों की दासी,कर लो अब स्वीकार
सांवरिया...
2 तेरी आस लगा बैठे हैं,
सब कुछ आज लुटा बैठे हैं
अपना आप गंवा बैठे हैं
सांवरिया मै तेरी रागिनी,तूं मेरा मल्हार
सांवरिया.....
3 तेरे सिवा कोई चाह नहीं है
किसी की कोई परवाह नहीं है
कोई सूझती राह नहीं है
मेरे गिरधर,मेरे माँझी ,क्यों छोड़ा मंझधार
साँवरिया....
4आनन्द यहाँ पर बरस रहा है
पत्ता पत्ता हरस रहा है
पीहू पीहू कर कोई तरस रहा है
कैसें माप सकूं मैं प्रियतम,प्रेम का पारावार
साँवरिया...
सांवरिया ले चल परली पार
कन्हैया ले चल परली पार
जहां विराजे राधा राणी, अलबेली सरकार
सांवरिया ले....
1गुण ,अवगुण सब तेरे अर्पण
पाप पुण्य सब तेरे अर्पण
बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण
ये जीवन भी तेरे अर्पण
मैं तेरे चरणों की दासी,कर लो अब स्वीकार
सांवरिया...
2 तेरी आस लगा बैठे हैं,
सब कुछ आज लुटा बैठे हैं
अपना आप गंवा बैठे हैं
सांवरिया मै तेरी रागिनी,तूं मेरा मल्हार
सांवरिया.....
3 तेरे सिवा कोई चाह नहीं है
किसी की कोई परवाह नहीं है
कोई सूझती राह नहीं है
मेरे गिरधर,मेरे माँझी ,क्यों छोड़ा मंझधार
साँवरिया....
4आनन्द यहाँ पर बरस रहा है
पत्ता पत्ता हरस रहा है
पीहू पीहू कर कोई तरस रहा है
कैसें माप सकूं मैं प्रियतम,प्रेम का पारावार
साँवरिया...
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