सँयों ऐ आज तो सोना रो सूरज उगियो
सँयों ऐ सुतोड़ा न दिया रे जगाय
गुरुजी आया पावणा
सँयों ऐ, आयोड़ा न लेवो रे बधाय
गुरूजी ....
सँयों ऐ, सोना रूप ईंट छपायस्यां
सँयों ऐ, सोवणु सो महल चिणाय
गुरुजी.....
सँयों ऐ, माणक मोती चौक पुरायस्यां
सँयों ऐ नीमड़ल्यां री बांदरवाळ बंधाय
गुरुजी.....
ऊँचा तो घालुं गुरुजी र बेसणा
सँयों ऐ, लुळ लुळ लागूं गुरुजी र पांव
गुरुजी.....
सँयों ऐ, धोळि सी धेनु दुवायस्यां
सँयों ऐ गुदळी रन्धास्यां गुरूजी र खीर
गुरूजी....
सँयों ऐ, अगुणों ,आँथुणो बाजे बायरो
सँयों ऐ, मोटोड़ी छाँटया ळो बरसे मेह
गरुजी..…
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