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थारी मर्जी हुवे तो आइजे,थांरे जचगी.....(krishna bhajan)

                             श्री
थारी मर्जी हुवे तो आइजे,थांरे जचगी व्हे तो आइजे
थांने आणू व्हे तो आइजे,म्हे तो जोवाँ थारी बाट
म्हारा साँवरा रे.....
1   झांझरके आवे तो साँवरा,साव एकलो आइजे
     पगल्यां री पायलडी म्हारै, कानों में खनकाइजे
      धीरे सूं, बतलाइजे रे कान्हा-2
      म्हारो,ध्यान छूट नहीं ज्यावै,जिणसूं
      जीव निकल नीं ज्यावै,मन री मन में ही रह ज्यावै
    म्हे तो जोवाँ......
2   भर दोपहरी आणू व्हे तो,कालिन्दी तट आइजे
      कामधेनु गौ माता थांरे साथे लेंवतो आइजे
    तूं ,सज धज ने आइजे साँवरा-2
    थारे ग्वाल बाल न लाइजे,थांरी बंशी साथे लाइजे
    राधा रुक्मण ने संग लाइजे
   म्हे तो जोवाँ....
3  नेक ठहरणु व्हे तो साँवरा,सिंझ्या पड़ियाँ आइजे
     म्हारी सोगन्ध मान सके ,तो म्हें कैवूं जद आइजे
     शँख चक्र औऱ गदा पदम् ने, धारण करतो आइजे
     घर में दीप जले तब आइजे,
     झालर झांझर सुण ने आइजे
    सबने दर्शण देंवतो आइजे
     म्हे तो जोवाँ....

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