Bhajan that connects with spirituality...

प्रभु मोरे अवगुण चित्त ना धरो....(krishna bhajan)

                                  श्री
प्रभु मोरे अवगुण,चित्त ना धरो
हरि मोरे अवगुण ,चित्त ना धरो
समदर्शी है नाम तिहारो,चाहो तो पार करो
प्रभु मोरे....
1एक लोहा पूजा में राखत,एक घर बधिक परो
  पारस गुण, अवगुण नहीं चितवत,
   कञ्चन करत खरो,प्रभु मोरे...
2  एक नदियां, एक नाल कुहावत, मैलो ही नीर भरो
    दोनों मिल जब एक बरण भई,
     सुरसरी नाम परयो,प्रभु मोरे....
3   एक जीव,एक ब्रम्ह कुहावत,सूर श्याम झगरो
     अबकी बेर मोहे पार उतारो
    नहीं पन जात टरो,प्रभु मोरे....

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