श्री
राधा कृष्ण की सगाई
चाल सखी आपां खेलण चालां, नन्दजी री गलियां चालां मेरे राम
नन्दजी री गलियाँ म नन्द राणी मिलगी,राधा रो करयो सिनगार
म्हारी राधा गोरी रो बर सांवलौ, जी
म्हारी,घणी ऐ रूपन्ति रो बर, सांवलौ
खेल कूद राधा घरां पधारया, माता पूछ बात मेरे राम
कुणसी गली म खेलण गया,कुंण थारो करयो सिनगार
म्हारी राधा गौरी..........
इतनी सुण राधा नीचा झुकग्या, सहेल्यां बात बताई मेरे राम
नन्दजी री गलियाँ म खेलण गया,नन्द राणी करयो सिनगार
म्हारी राधा गौरी .........
बड़ा ऐ घरां की नायन बुलाओ,गेणों पाछो दिराओ म्हारा राम
बी नन्द राणी न यूँ जाय किज्यो,फिरती तो करां सगाई
म्हारी राधा गौरी ........
आवो ऐ नायण,बेठो ऐ नायण किस विधी आणो हुयो मेरे राम
थारो कान्हू गायां रो ग्वालो,फिरती तो करी है सगाई
म्हारी राधा गौरी.........
बार स्यू तो कान्हू आयो,माता न देखी उदास मेरे राम
उठो ऐ माता,बेठो ऐ माता,कर ल्यो घर को काम मेरे राम
बी राधा न पगां लगा दयूं, जद नन्दजी को जायो
म्हारी राधा गौरी....
चाल सखी आपां बागां म चालां, फुलड़ा बीनबा चालां मेरे राम
एक ज फुलडो तोड़न लागी, राधा न डस गयो नाग
म्हारी राधा गौरी.......
एक सखी तो बाम लगावे, दूजी डोल बाल मेरे राम
अगणी जाय माता न बुलावे,चौथी तो देख राधा की नाड़
म्हारी राधा गौरी.......
इतनी सुण माता दौड़ी आई, राधा न देखी बेहोश मेरे राम
जो म्हारी राधा न ठीक कर लो ,उण संग करुँला सगाई
म्हारी राधा गौरी.........
मोरपंख हाथां म लीनो,हरजी बेद बण आया मेरे राम
ज्यूँ ज्यूँ झाड़ो देवत कान्हो,त्युं त्युं उतर जहर
म्हारी राधा गौरी.......
मोतीचूर मगद का लाडू,ए भी नन्द घर भेजूं मेरे राम
बी नन्द राणी न यूँ जाय किज्यो,हँस हँस करां ला सगाई
नन्दजी की नार नवेली न,कान्हां की मांय मंगेजण न राधा की सास सपूती न,म्हारा पगां लागणा किज्यो जी
मोतीचूर हल्दियों पीळो ,ऐ भी नन्द घर भेजूं मेरे राम
बी नन्द राणी न यूँ जाय किज्यो,हँस हँस पीळो ओढ़
नन्द जी की नार नवेली न,कान्हां की माय मंगेजण न म्हारा पगां लागणा किज्यो जी
राधा कृष्ण की सगाई
नन्दजी री गलियाँ म नन्द राणी मिलगी,राधा रो करयो सिनगार
म्हारी राधा गोरी रो बर सांवलौ, जी
म्हारी,घणी ऐ रूपन्ति रो बर, सांवलौ
खेल कूद राधा घरां पधारया, माता पूछ बात मेरे राम
कुणसी गली म खेलण गया,कुंण थारो करयो सिनगार
म्हारी राधा गौरी..........
इतनी सुण राधा नीचा झुकग्या, सहेल्यां बात बताई मेरे राम
नन्दजी री गलियाँ म खेलण गया,नन्द राणी करयो सिनगार
म्हारी राधा गौरी .........
बड़ा ऐ घरां की नायन बुलाओ,गेणों पाछो दिराओ म्हारा राम
बी नन्द राणी न यूँ जाय किज्यो,फिरती तो करां सगाई
म्हारी राधा गौरी ........
आवो ऐ नायण,बेठो ऐ नायण किस विधी आणो हुयो मेरे राम
थारो कान्हू गायां रो ग्वालो,फिरती तो करी है सगाई
म्हारी राधा गौरी.........
बार स्यू तो कान्हू आयो,माता न देखी उदास मेरे राम
उठो ऐ माता,बेठो ऐ माता,कर ल्यो घर को काम मेरे राम
बी राधा न पगां लगा दयूं, जद नन्दजी को जायो
म्हारी राधा गौरी....
चाल सखी आपां बागां म चालां, फुलड़ा बीनबा चालां मेरे राम
एक ज फुलडो तोड़न लागी, राधा न डस गयो नाग
म्हारी राधा गौरी.......
एक सखी तो बाम लगावे, दूजी डोल बाल मेरे राम
अगणी जाय माता न बुलावे,चौथी तो देख राधा की नाड़
म्हारी राधा गौरी.......
इतनी सुण माता दौड़ी आई, राधा न देखी बेहोश मेरे राम
जो म्हारी राधा न ठीक कर लो ,उण संग करुँला सगाई
म्हारी राधा गौरी.........
मोरपंख हाथां म लीनो,हरजी बेद बण आया मेरे राम
ज्यूँ ज्यूँ झाड़ो देवत कान्हो,त्युं त्युं उतर जहर
म्हारी राधा गौरी.......
मोतीचूर मगद का लाडू,ए भी नन्द घर भेजूं मेरे राम
बी नन्द राणी न यूँ जाय किज्यो,हँस हँस करां ला सगाई
नन्दजी की नार नवेली न,कान्हां की मांय मंगेजण न राधा की सास सपूती न,म्हारा पगां लागणा किज्यो जी
मोतीचूर हल्दियों पीळो ,ऐ भी नन्द घर भेजूं मेरे राम
बी नन्द राणी न यूँ जाय किज्यो,हँस हँस पीळो ओढ़
नन्द जी की नार नवेली न,कान्हां की माय मंगेजण न म्हारा पगां लागणा किज्यो जी
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