श्री
होली के लोकगीत
होळी ऐ थारा ,लाम्बा टीका,
लाम्ब गज की डोरी ओ राज
डोरी नाप कान्हू बीरो
ज्यांकी शुभरत होळी ओ राज
कँवरा न सिरोपाव दिरास्यां,
कँवराणीया न साड़ी ओ राज
साड़ी म सिंगोड़ा बोल्या,बे बादळ म मोरया ओ राज
पेंको पेंको पेंको
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