श्री
विनायक जी की कहानी ।
एक डोकरी ही।बिंक एक बेटो हो।बा घणी गरीब ही।डोकरी आंख्या स्यूं आँधी ही,पर रोज़ विनायक जी की पूजा करती।एक दिन विनायक जी महाराज प्रकट हुग्या,बोल डोकरी कांई चहिज।एक बरदान मांग ल।डोकरी केव ,महाराज कांई माँगूँ ,म्हंन तो माँगनु ही नहीं आवे।विनायक जी बोल्या ,कीं भी मांग ल, आज तन एक वरदान देर जाऊं।जणा डोकरी थोड़ी देर सोच र बोली,महाराज देनु ही है तो इस वरदान देवो जका स्यूं मैं म्हार पोता न,ऊंचा ऊंचा महलां म,सोना के पालना म झूलती देखूं।विनायक जी महाराज हँसबा लाग ग्या।कि डोकरी तूँ तो बोली माँगनु ही कोनी आव।पण तूं तो सब कुछ मांग लियो।आंख्यां,धन दौलत,बहु पोता सब मांग लिया।पण जा म थारी सेवा स्यूं और बुद्धि स्यूं खूब प्रसन्न हूँ ई वास्त थारी इच्छानुसार सब कुछ मिल ज्यासी।विनायक जी महाराज बी डोकरी न ठूँठमान हुया बीसा सन हुया।है विनायक जी महाराज,घटी है तो पूरी करी,पूरी है तो परवान चढ़ाई।सब कोई बोलो विनायक जी महाराज की जय।
विनायक जी की कहानी ।
एक डोकरी ही।बिंक एक बेटो हो।बा घणी गरीब ही।डोकरी आंख्या स्यूं आँधी ही,पर रोज़ विनायक जी की पूजा करती।एक दिन विनायक जी महाराज प्रकट हुग्या,बोल डोकरी कांई चहिज।एक बरदान मांग ल।डोकरी केव ,महाराज कांई माँगूँ ,म्हंन तो माँगनु ही नहीं आवे।विनायक जी बोल्या ,कीं भी मांग ल, आज तन एक वरदान देर जाऊं।जणा डोकरी थोड़ी देर सोच र बोली,महाराज देनु ही है तो इस वरदान देवो जका स्यूं मैं म्हार पोता न,ऊंचा ऊंचा महलां म,सोना के पालना म झूलती देखूं।विनायक जी महाराज हँसबा लाग ग्या।कि डोकरी तूँ तो बोली माँगनु ही कोनी आव।पण तूं तो सब कुछ मांग लियो।आंख्यां,धन दौलत,बहु पोता सब मांग लिया।पण जा म थारी सेवा स्यूं और बुद्धि स्यूं खूब प्रसन्न हूँ ई वास्त थारी इच्छानुसार सब कुछ मिल ज्यासी।विनायक जी महाराज बी डोकरी न ठूँठमान हुया बीसा सन हुया।है विनायक जी महाराज,घटी है तो पूरी करी,पूरी है तो परवान चढ़ाई।सब कोई बोलो विनायक जी महाराज की जय।
No comments:
Post a Comment