तर्ज: झिलमिल सितारों सा आंगन.....
हर सांस में
हो सुमिरण तेरा
यूँ बीत
जाये जीवन मेरा
तेरी पूजा
करते बिते साँझ
सवेरा
हर सांस
में.....
(1) तेरे
ही चरणों में
अपना जीवन गुजारूं
पल पल
तेरा प्यारा मुखड़ा
निहारूं
चरणों में
तेरे ही मेरा हो डेरा
,यूँ बित जाये.......
(2) तूं
करुणा का सागर है तूं
दया का भण्डार
है
तेरे ही
इशारों पर घुमे ये संसार
है
सबको नचाये
खेल ये तेरा,यूँ बित
जाये....
(3) मुझको जग
में भेजा तेरी
करुणा अपार है
जो कुछ
भी दिया है सब तेरा
उपकार है
हर पल
बरसता है प्रेम
तेरा,यूँ बित जाये....
(4) पुष्पा की
अरदास प्रभु हिय
सें लगाय लो
डूब ना
जाये नैया भँवर
सें उबार लो
भक्त वत्सल
प्रभु नाम है तेरा,यूँ
बित जाये ......
बहुत बढ़िया ।
ReplyDeleteThanku...
ReplyDeleteThanku...
ReplyDeleteAakhir Kyonkavita or kahaniya Pauranik Katha
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