Bhajan that connects with spirituality...

Gangourgeet ।। म्हारे बाबाजी र


                                 श्री

म्हारे बाबाजी र माण्डी गणगौरया ओ रसिया

म्हाने घड़ी दोय खेलबा न जाय बा द्यो


गौरी घड़ी दोय जांवता, पलक दोय आंवता

सारो दिन सहेल्या मे लागे ऐ मिरगानैनी

लागे ऐ सुन्दर गौरी, थां बिना घड़ी ऐ ना आवडे 

थारी चुंपा चिल्क,थारी नथ बलक,

थारो बोरियो जड़ाऊ झोला खावे ऐ मरवन

थां बिना घड़ी ऐ क ना सर


तन बार बार समझाऊं रे सोनी

म्हारो तो हार ज रह बा दे

म्हारे आलीजा रो ऐ, कमधजिया रो 

डोरो घड़ ल्यायी रे सोनी, पेर सिधारे ढोलो गणगोरया 


म्हारे काकाजी र माण्डी गणगोरया ओ रसिया

म्हाने घड़ी दोय खेलबा न जाय बा द्यो


गौरी घड़ी दोय जांवता, पलक दोय आंवता

सारो दिन सहेल्या मे लागे ऐ मिरगानैनी

थां बिना घड़ी ऐ ना आवड़े

थारो हारज् चमके,थारी चुड़या खनके

थारो पुंचो पुवायो झोला खावे ऐ मरवन

थां बिना घड़ी एक ना सर


तन बार बार समझाऊं रे दरजी

म्हारो तो ब्लाऊज रह बा दे

म्हारे आलिजा रो ऐ, कमधजिया रो

चोलो सिंव ल्याई रे दर्जी

पेर सिधारे ढोलो गणगोरया 


म्हारे बिरोजी र माण्डी गणगोरया ओ रसिया

म्हाने घड़ी दोय खेलबा न जाय बा द्यो



गौरी घड़ी ..........

थारी पायल खनके,थारी बिछिया चमके

थारो कन्दोडो घड़ायो झोला खावे ऐ मरवन

थां बिना घड़ी एक ना सर

No comments:

Post a Comment