पंडित जी को मुहुर्त दिखाकर मूंग बिखेरे जाते हैं। लड़का, लड़की दोनों के ही मूंग बिखेरने की रीति की जाती है। इसमें सवा किलो या सवा पांच किलो मूंग लिये जाते हैं।बन्ना बनी को तिलक लगाया जाता है।पहले दिन बना बनी के व मां के मेंहदी से नाखुन लगाये जाते हैं।परिवार व रिस्तेदारो की महिलाएं मिलकर देवी देवता के व मंगल गीत गाती है।और सात थाली में मूंग को चुगती है।
मूंग बिखेरने की सामग्री;कूंकूं,चावल,मोली,मूंग सवाया तौल में,चालनी व सात थाली
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बड़ी बनाना
________ सवा किलो या अपनी जरुरत के हिसाब सें सवाया माप लेकर मूंग दाल की बड़ी बनाई जाती है ।परिवार व रिस्तेदारो की महिलाएं साथ मिलकर गीत गाती है। पहले देवताओं के बाद में बन्ना बनी।बेटे के विवाह में घोड़ी,सेवरा व बेटी के विवाह में सुहाग कामण गाये जाते हैं। कहीं कहीं सुहाग कामण शुरू में गाते हैं कहीं कहीं सबसे बाद में गाये जाते हैं, ये अपने परिवार की परम्परा के अनुसार गायें।बन्ना बनी को तिलक निकाला जाता है। सभी महिलाएं बड़ी हाथ सें बनाकर सगुन करती है।आजकल बाकी की बड़ी मशीन सें बनाते हैं। बड़ी बनाते समय प्लास्टिक बिछाते हैं उसमें बिच में पानी का छोटा कलश, मूंग,सात कोयला,सात साबुत नमक की डली,दूब व चांदी का छल्ला रखते हैं।
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